
25 दिसम्बर, 2021 को नासा के वैज्ञानिकों के दल ने अमेरिका के French guiana Space center से James webb Space Telescope को यूरोपियन राॅकेट ‘ऐरियन‘ के माध्यम से launch किया एवं आज यह पृथ्वी से 1600000 (सोलह लाख) किलोमीटर दूर Second Lagrange point L2 (लैगरेंज पोइंट या L2 पृथ्वी और सूर्य के बीच एक स्थिर कक्षा है जहाँ से यह टेलिस्कोप बेहतर तरीके से काम कर पाएगा। पृथ्वी एवं सूर्य के बीच पांच लैगरेंज पोइंटस हैं जहां गुरूत्वीय शक्ति का संतुलन बना रहता है। ) पर स्थापित हो चुका है। इसे ठंडा किया जा रहा है एवं तारों के साथ इसका alignment एवं calibration किया जा रहा है। इसके alignment एवं calibration के पूर्ण होते ही इसके द्वारा सूदूर अंतरिक्ष की तस्वीरें ली जा सकेंगी जो अब तब संभव नहीं थी।

नासा द्वारा James webb Space Telescope के alignment एवं calibration के लिए सबसे पहले HD84406 नामक तारे की ओर focus किया जा रहा है। यह HD84406 नामक तारा पृथ्वी से लगभग 269 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
यह Telescope अब तक का सबसे बड़ा एवं सबसे शक्तिशाली Space Telescope है। इस टेलिस्कोप इतना शक्तिशाली है कि यह अंतरिक्ष में अंतरिक्षीय बादलों के पीछे छुपे तारोें को भी देखने में सक्षम होगा। इस टेलिस्कोप के माध्यम से Infrared एवं ultraviolet प्रकाश की किरणों का अध्ययन किया जा सकता है। इस महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक मिशन का उद्देश्य बिग बैंग की घटना के बाद आरंभिक दौर में बनने वाले तारों, आकाशगंगाओं और नेब्युला की खोज और उनका अध्ययन करने के साथ-साथ पृथ्वी के नजदीक के तारों और ग्रहों का और गहराई के साथ अध्ययन करना है। तारों और आकाशगंगाओं के गहन अध्ययन से ब्रह्मण्ड या COSMOS की उत्पति के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाय तो ब्रह्मण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई, कैसे जीवन की उत्पत्ति हुई इस गुत्थी को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
NASA का यह James webb Space Telescope अगले 10 वर्षों तक ब्रह्मांड की तस्वीरें पृथ्वी पर भेजता रहेगा और ब्रह्मांड की नई नई जानकारियों से मानव जाति को अवगत कराता रहेगा। हालांकि इस जेम्स वेब टेलीस्कोप में इतना इंधन है कि यह अगले 20 वर्षों तक अंतरिक्ष में कार्य करता रह सकता है।
जेम्स वेब टेलिस्कोप की संरचना
जेम्स वेब टेलिस्कोप के Mirrors को अलग-अलग Segments में बनाया गया है। इसमें छः भुजाओं वाले कुल 18 mirrors लगे हुए हैं। एक mirror का वजन लगभग 20 किलोग्राम है। ये mirrors बहुत हल्के धातु बेरिलियम (Berilium) से बने हुए हैं। प्रत्येक mirror पर 48.2 ग्राम सोने की पतली परत चढ़ी हुई है। प्रत्येक हेक्सागोनल (Hexagonal) मिरर का व्यास 1.32 मीटर है। सभी mirrors को मिलाकर कुल 6.5 मीटर लम्बाई है। ये सभी हक्सागोनल mirrors Primary Mirrors है। इनके सामने एकSecondary mirror लगाया गया है जिसपर Primary mirror से प्रकाश की किरणें परावर्तित होकर एक जगह जमा होंगी।
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